Tuesday, September 1, 2015

"धार्मिक गतिविधियाँ "

Patni - सुनो जी मुझे पाँच हज़ार रुपये दे दो
Pati - नहीं है ।
Patni - तो चार दे दो
Pati - नही हैं ।
Patni - अच्छा ,आज के बाद मुझे छूना भी मत, बात भी न करना । मेरी तरफ़ देखना भी मत । 
Pati - नहीं देखूँगा । पाँच हज़ार रुपये राधे अम्माँ के यहाँ चढ़ाऊँगा, वो नाच के भी दिखाएगी, जप्फी वप्फी भी डालेगी, हो सकता है गोद में भी------
पत्नी सुनकर बाहर को जाने लगती है
Pati - अब बिन पैसे के कहाँ चली ।
Patni - बापू आसाराम के आश्रम जा रही हूँ, सुना है बापू की गैरहाजरी में भी बापू के शिष्य सारी
"धार्मिक गतिविधियाँ "
उसी तरह से चला रहे हैं । दो चार दिन वहीं रहूंगी ।
Pati - अरे पगली ! बस तू भी ना ! ये ले पाँच हज़ार.


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