एक बार संता, एक कंजूस के यहां शादी में गया।
शादी के पंडाल में अंदर जाने के 2 दरवाजे थे।
एक दरवाजे पर रिश्तेदार और दूसरे पर दोस्त लिखा था।
संता, बहुत फक्र से दोस्त वाले दरवाजे से अंदर गया।
आगे फिर 2 दरवाजे थे, एक पर महिला और दूसरे पर पुरुष लिखा था।
संता पुरुष वाले दरवाजे से अंदर गया।
वहां 2 और दरवाजे थे। एक पर गिफ्ट देने वाले, दूसरे पर बिना गिफ्ट वाले लिखा था।
संता बिना गिफ्ट वाले दरवाजे से अंदर गया।
जब देखा तो वह बाहर गली में खड़ा था और लिखा था : शर्म तो आ नहीं रही होगी!!!
बड़ा आया था मुफ्त में खानेवाला? अब हवा खा।

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